अंबेडकर को अंग्रेजों का एजेंट बताने पर FIR, एसपी ऑफिस में दो वर्ग आमने-सामने; अब आगे क्या?

ग्वालियर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट अनिल मिश्रा ने बीते दिन एसपी ऑफिस पहुंचकर गिरफ्तारी देने की कोशिश की। उनके साथ बड़ी संख्या में अधिवक्ता और सवर्ण समाज से जुड़े संगठन मौजूद थे। अनिल मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के आरोप में क्राइम ब्रांच थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
दरअसल, ग्वालियर में इन दिनों संविधान के असली निर्माता को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। एक पक्ष सर बी.एन. राव को संविधान का असली निर्माता बता रहा है, जबकि अंबेडकर समर्थक इसका विरोध कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है। इसी क्रम में ओबीसी महासभा और अंबेडकर समर्थक संगठनों ने बयान दिया था कि जो अंबेडकर का विरोध करते हैं, वे राष्ट्रद्रोही हैं। इसके जवाब में अनिल मिश्रा का वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अंबेडकर को नहीं मानता हूं। अंबेडकर कोई देवता नहीं, बल्कि एक व्यक्तित्व हैं। उन्हें अंग्रेजों का एजेंट कहना गलत नहीं होगा।
वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज हुई शिकायत
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अंबेडकर समर्थकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। क्राइम ब्रांच ने अनिल मिश्रा को नोटिस भेजकर जवाब मांगा, लेकिन तय समय में जवाब न देने पर एफआईआर दर्ज कर ली गई। एफआईआर के बाद शुक्रवार को अनिल मिश्रा खुद गिरफ्तारी देने एसपी ऑफिस पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। एडिशनल एसपी जयराज कुबेर ने बताया कि फिलहाल एफआईआर दर्ज हुई है, जांच जारी है। जरूरत पड़ी तो गिरफ्तारी की जाएगी।
वहीं, अनिल मिश्रा ने पुलिस के सामने कहा कि अंबेडकर के नाम पर समाज में झूठा प्रचार फैलाया जा रहा है। 15 तारीख को अंबेडकर समर्थकों ने मेरे घर पर जूते फेंकने का ऐलान किया है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं, वे मेरे दरवाजे पर आकर दिखाएं। अगर माहौल बिगड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।