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दशहरा पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तलवार से स्पर्श किया शमी वृक्ष, पत्तियों को लूटने के लिए दौड़े भाजपा कार्यकर्ता

ग्वालियर। सिंधिया राजपरिवार के मुखिया केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगभग दो सदी पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए कुलदेवी मांढरे की माता के नीचे स्थित मैदान में पवित्र शमी के पौधे का पूजन पुत्र महानआर्यमन के साथ किया। राजपुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शमी का पूजन कराया।

 

परंपरागत रूप से सिंधिया ने मियान से तलवार निकालकर शमी के पौधे से छुलाते ही राजपरिवार से जुड़े सरदारों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने शमी के पत्तों को लूटा। शमी पूजन में सिंधिया राजघराने के सरदारों के वंशज भी परंपरागत वेशभूषा में मौजूद थे। सरदार परिवारों के बैठने की व्यवस्था अलग से की गई थी।

 

सिंधिया ने विजयदशमी को गोरखी स्थित देवघर जाकर पूजन करने के साथ महल में राजपरिवार के प्रतीक चिह्नों का पूजन किया। केंद्रीय मंत्री ने शमी पूजन के बाद विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्योहार हमें अच्छाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। शाम को जयविलास पैलस में केंद्रीय मंत्री सरदारों के अलावा शहरवासियों से मिले।

 

शमी पूजन कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, विधायक मोहन सिंह राठौड़, पिछोर विधायक प्रीतम लोधी, पूर्व मंत्री ध्यानेंद्र सिंह, सरदार संग्राम सिंह कदम, भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया, कौशल शर्मा, अमर कुटे, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, आशीष प्रताप सिंह राठौड़, सुरेंद्र शर्मा, सुरेंद्र सिंह परमार चच्चू सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

 

राजपरिवार की 10वीं पीढ़ी कर रही शमी पूजन

ऐसी मान्यता है प्रभु श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करने के उनकी सेना सोना भी लाई थी। उस सोने को अयोध्यावासियों के बीच बांट दिया था। तभी से यहां परंपरा चली आ रही है। शमी को सोने के रूप में माना जाता है। इसकी पत्ती लूटने के बाद सरदार सिंधिया राजपरिवार के मुखिया को भेंट कर दशहरा की शुभकामनाएं देते हैं। सिंधिया राजपरिवार की 10वी पीढ़ी शमी पूजन कर रही है। जबकि शमी पूजन को लेकर और कई किदवंतियां प्रचलित हैं।

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