mp: डीएसपी समेत तीन गिरफ्तार, 2.96 करोड़ की बंदरबांट का बड़ा खुलासा
हवाला के 2.96 करोड़ रुपये लूटकांड की जांच में पुलिस महकमे से जुड़े उच्च अधिकारियों के नाम सामने आने से मामला तूल पकड़ गया है। जबलपुर क्राइम ब्रांच और सिवनी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बालाघाट के हॉक फोर्स में पदस्थ डीएसपी पंकज मिश्रा, जबलपुर क्राइम ब्रांच में तैनात प्रधान आरक्षक प्रमोद सोनी और हवाला कारोबारी पंजू गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह गिरफ्तारी सोमवार देर रात और उसके पहले की संयुक्त कार्रवाई का परिणाम है। जबलपुर क्राइम ब्रांच ने पहले प्रधान आरक्षक प्रमोद सोनी व पंजू गोस्वामी को गिरफ्तार कर सिवनी भेजा, उसके बाद सिवनी पुलिस टीम ने बालाघाट के कंसगी में पदस्थ हॉक फोर्स के डीएसपी पंकज मिश्रा को हिरासत में लिया।पुलिस ने गिरफ्तारी के सिलसिले में जो जानकारी सार्वजनिक की है, उसके मुताबिक, हवाला कारोबारी पंजू गोस्वामी ने पहली सूचना प्रधान आरक्षक प्रमोद सोनी तक पहुंचाई। प्रमोद सोनी ने यह जानकारी डीएसपी पंकज मिश्रा को दे दी। डीएसपी मिश्रा ने तत्कालीन एसडीओपी पूजा पांडे को इनपुट दिया और उसी के आधार पर रेड करवाई गई। रेड के दौरान कारोबारी के पास से बड़ी रकम बरामद की गई, लेकिन बरामद रकम की कथित बंदरबांट (बंटवारा/हिस्सेदारी) होने के आरोप सामने आए।एसडीओपी पूजा पांडे पहले से ही जेल में बंद हैं; जांच में अब कई पुलिस अधिकारियों और बाहरी व्यक्तियों के नाम संदिग्ध के रूप में आए हैं। पुलिस के अनुसार लूट गई कुल राशि लगभग 2.96 करोड़ रुपये बताई जा रही है और इस रकम के बालाघाट से संबंध भी मिलने का संकेत जांच में आया है।
गिरफ्तारी — कब और कैसे हुई
जबलपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने पहले प्रमोद सोनी व पंजू गोस्वामी को पकड़कर सिवनी पहुंचाया। सिवनी की टीम ने सोमवार देर रात बालाघाट के कंसगी में पदस्थ हॉक फोर्स के डीएसपी पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी शांतिपूर्ण ढंग से की गई और अब अभियुक्तों को आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जा सकता है। कहा जा रहा है कि पंकज मिश्रा को सिवनी की अदालत में पेश किया जा सकता है।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जबलपुर क्राइम ब्रांच और सिवनी पुलिस टीम संयुक्त रूप से मामले की गहन जांच कर रही हैं। प्रारंभिक जांच में हवाला रैकेट का नेटवर्क — किन लोगों/पदों तक तार जुड़े हैं, बरामद रकम का हिसाब-किताब और वह कहाँ-कैसे खर्च/बांटी गई, रेड के दौरान बरामद माल की सही प्रक्रिया क्या हुई — कथित बंदरबांट किसने और कैसे की जैसे तथ्यों की जांच की जा रही है। साथ ही एसडीओपी पूजा पांडे की भूमिका व पूर्व रेड-निर्देश की जांच भी हो रही है। पुलिस ने कहा है कि आवश्यकता के अनुसार और गिरफ्तारियां हो सकती हैं तथा प्रासंगिक धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्राथमिकी में वित्तीय अपराध और सांठगांठ से जुड़ी धाराओं का समावेश होने की संभावना जताई जा रही है।