'सनातन का अपमान, नहीं सहेंगे' का नारा लगाकर चीफ जस्टिस गवई पर जूता फेंकने की कोशिश

देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की गई है। यह वाकया सोमवार को शीर्ष अदालत के परिसर में ही हुआ। यह घटना तब हुई, जब चीफ जस्टिस एक केस की सुनवाई कर रहे थे। इस घटना को एक 60 वर्षीय वकील ने ही अंजाम देने की कोशिश की, जिसका नाम राकेश किशोर बताया जा रहा है। पुलिस ने वकील को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। इस मामले में चीफ जस्टिस बीआर गवई का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी चीजों से फर्क नहीं पड़ता।
शख्स ने चीफ जस्टिस बीआर गवई को निशाना बनाते हुए बेंच की तरफ उछालने की कोशिश की, लेकिन उसे पहले ही पकड़ लिया गया। इस तरह चीफ जस्टिस को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और हमलावर को हिरासत में ले लिया गया। इस वाकये को लेकर चीफ जस्टिस बेपरवाह दिखे और वह केस की सुनवाई करते रहे। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा आखिरी व्यक्ति हूं, जिसे इस तरह की चीजों का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही वह उस मामले की सुनवाई में जुट गए, जिस केस को वह सुन रहे थे। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि हमला करने वाला शख्स नारा लगा रहा था, 'सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान।'
ऐसा नारा लगाते हुए शख्स ने बेंच की तरफ जूता उछालने की कोशिश की। अदालत में मौजूद सुरक्षाकर्मी हरकत में आए और तुरंत ही शख्स को पकड़ लिय़ा। फिलहाल पूछताछ की जा रही है कि आखिर उसने चीफ जस्टिस की ओर जूता क्यों उछालने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद एक वकील ने बताया कि चीफ जस्टिस इस वाकये से बिलकुल परेशान नहीं हुए और सामान्य रूप से कामकाज जारी रखा।
आरोपी राकेश किशोर के पास मिला एंट्री कार्ड
राकेश किशोर के पास से एक एंट्री कार्ड भी मिला है, जो वकीलों और क्लर्कों को जारी किया जाता है। घटना की जानकारी मिलते ही नई दिल्ली जिला के डीसीपी और सुप्रीम कोर्ट के डीसीपी पहुंच गए। राकेश किशोर नाम के वकील को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है कि आखिर उसने ऐसी घटना को अंजाम क्यों दिया है।