जन्माष्टमी पर आज रात इतने बजे शुरू होगा श्रीकृष्ण का पूजन मुहूर्त, जान लें पूरी विधि

आज पूरे देश में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और यह भगवान कृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव है. इस दिन भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और भगवान के बाल स्वरूप, लड्डू गोपाल की विशेष पूजा करते हैं. ऐसा करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होंगे और आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मना कर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है और विशेष पूजा से लाभ पा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कि जन्माष्टमी की आज रात पूजन के लिए क्या सबसे उत्तम मुहूर्त रहेगा.
भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को हुआ था. अष्टमी को जन्म होने के कारण इसको कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं. श्रीकृष्ण का जन्म वृष लग्न, वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
इस बार जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा का मुहूर्त मध्यरात्रि 12 बजकर 4 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 12 बजकर 47 मिनट पर होगा और चंद्रोदय का समय आज रात 11 बजकर 32 मिनट पर होगा. इसी अवधि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा.
ये रहेगा रोहिणी नक्षत्र का मुहूर्त
वैसे तो, श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था लेकि इस साल जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं बन रहा है. रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त यानी कल सुबह 4 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 18 अगस्त तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर होगा. इसलिए, कोशिश कीजिए की आज रात जो भी मुहूर्त श्रीकृष्ण के पूजन के रहेंगे, उसी में भगवान कृष्ण का पूजन करें.
तिथि और समय (Janmashtami 2025 Tithi)
इस साल अष्टमी तिथि 15 अगस्त 2025 की रात 11 बजकर 48 मिनट से शुरू हो गई है और 16 अगस्त 2025 यानी आज रात 9 बजकर 34 मिनट तक रहेगी. चूंकि उदयातिथि को ही मान्य माना जाता है, इसलिए जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त, यानी आज मनाया जा रहा है. इस दिन भक्त बाल गोपाल की झांकी सजाते हैं और भगवान को भोग अर्पित करते हैं.
कैसे मनाएं जन्माष्टमी का पर्व? (Janmashtami 2025 Pujan Vidhi)
इस दिन सुबह स्नान करके व्रत या पूजा का संकल्प लें. फिर, जलाहार या फलाहार ग्रहण करें और सात्विक रहें. उसके बाद, मध्यरात्रि में श्री कृष्ण की धातु की प्रतिमा पात्र में रखें. प्रतिमा को पहले दूध, दही, शहद, शर्करा और घी से स्नान कराएं. अर्पित की जाने वाली चीजें शंख में डालकर ही अर्पित करें. इसके बाद, श्रीकृष्ण को पीतांबर, पुष्प और प्रसाद अर्पित करें. उसके बाद भगवान को झूले में बैठाकर झुलाएं. झूला झुलाकर प्रेम से अपनी कामना कहें.
जन्माष्टमी पर इस मंत्र का करें जाप (Janmashtami 2025 Mantra)
जन्माष्टमी पर आज पूजन करते समय श्रीकृष्ण नाम का ही जाप करें क्योंकि यह ही एक महामंत्र है. इसके अलावा, 'हरे कृष्ण' महामंत्र का भी जाप कर सकते हैं. प्रेम और आनंद के लिए 'मधुराष्टक' का पाठ करें. वहीं, श्रीकृष्ण को गुरु के रूप में प्राप्त करने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें.
जन्माष्टमी का भोग (Janmashtami 2025 Bhog)
जन्माष्टमी पर आज श्रीकृष्ण को माखन मिश्री का भोग लगाना सबसे अच्छा है. कहीं-कहीं भगवान कृष्ण को धनिया की पंजीरी का भी भोग भी लगाया जाता है. इसके अलावा, पंचामृत भी जरूर अर्पित करें.