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जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देते हुए क्या-क्या लिखा, पढ़ें- पूरी चिट्ठी

देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई) की शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजा है और उसमें लिखा है कि स्वास्थ्य कारणों से वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा, "स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।"

74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था। उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा, "मुझे संसद के सभी माननीय सदस्यों से जो स्नेह, विश्वास और सम्मान मिला, वह जीवनभर उनके हृदय में संचित रहेगा।" उपराष्ट्रपति के रूप में अपने तीन साल के कार्यकाल को याद करते हुए उन्होंने लिखा, "इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में मिले अनुभव और दृष्टिकोणों के लिए मैं बहुत आभारी हूं। भारत के आर्थिक विकास और अभूतपूर्व परिवर्तनकारी दौर का साक्षी बनना मेरे लिए सौभाग्य और संतोष का विषय रहा है।" धनखड़ ने अपने त्याग पत्र के अंत में भारत के वैश्विक उदय और उज्ज्वल भविष्य पर अटूट विश्वास जताया है।

चिट्ठी का मजमून क्या?

आदरणीय राष्ट्रपति जी,

स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देता हूं।

मैं भारत की महामहिम माननीय राष्ट्रपति के प्रति उनके अटूट समर्थन तथा मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच कायम सुखद एवं अद्भुत कार्य संबंध के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

मैं माननीय प्रधानमंत्री जी और उनकी सम्मानित मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। प्रधानमंत्री जी का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है, और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है।

सभी माननीय संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह सदैव मेरी स्मृति में रहेगा.

मैं हमारे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और अंतर्दृष्टि के लिए बहुत आभारी हूँ।

इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व घातीय विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही है। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है।

इस प्रतिष्ठित पद को छोड़ते हुए, मैं भारत की वैश्विक उन्नति और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा हूँ तथा उसके उज्ज्वल भविष्य के प्रति अटूट विश्वास रखता हूँ।

गहरे सम्मान और कृतज्ञता के साथ,

जगदीप धनखड़

मार्च में हुए थे एम्स में भर्ती

धनखड़ को इसी वर्ष मार्च में हृदय संबंधी समस्या के चलते एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उन्हें स्टेन्ट डाला गया था। स्वस्थ होने के बाद से वह निरंतर राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे थे। गत जून में जब वह नैनीताल में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गये थे तो भी उनकी तबीयत बिगड़ गयी थी।

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