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आदर्श विद्यार्थी, शोध और कार्य संस्कृति विश्वविद्यालय की कसौटी होते हैं : पवैया

ग्वालियर । आदर्श विद्यार्थी, नए-नए शोध और अच्छी कार्य संस्कृति ही श्रेष्ठ विद्यालय की कसौटी व सफलता का पैमाना होते हैं। इसलिए विश्वविद्यालय केवल भौतिक ज्ञान देने तक ही सीमित न रहकर अपने विद्यार्थियों को आदर्श नागरिक के रूप में गढ़ें। उक्त आशय के विचार उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री जयभान सिंह पवैया ने व्यक्त किए।
मंत्री पवैया जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा उनके सम्मान में आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। पवैया ने इससे पहले जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में 16 करोड़ 89 लाख रूपए लागत के आधारभूत विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया। इनमें 8 करोड़ 91 लाख की लागत से बनने जा रहा 6 मंजिला अत्याधुनिक स्व-अध्ययन केन्द्र का भूमिपूजन और साढ़े चार करोड़ की लागत से कर्मचारियों के लिये नवनिर्मित 56 आवास व तीन करोड़ 49 लाख की लागत से शोध छात्राओं के लिये हॉल सहित बनाए गए 54 कक्षीय लता मंगेशकर छात्रावास का लोकार्पण शामिल है। उच्च शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय को जल्द ही एकेडमिक स्टाफ कॉलेज की सौगात भी मिलेगी।
सोमवार को यहाँ गालव सभागार में आयोजित हुए अभिनंदन समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री पवैया ने कहा कि विश्वविद्यालयों में ज्वलंत मुद्दों पर क्रमबद्ध व्याख्यान व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएं, जिससे विद्यार्थियों में सकारात्मक सोच पनपे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र पर केन्द्रित विषयों पर मंथन से मानस बदलता है। आत्मजीवी एवं एकांगी व्यक्ति भारत को महान नहीं बना सकते। इसलिए विश्वविद्यालय ऐसे युवा तैयार करे जो देश के बारे में भी सोचें। उच्च शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि परीक्षाएं समय पर हों और परिणाम भी समय पर निकालें। साथ ही विद्यार्थियों को अंकसूची के लिये भटकना न पड़े। उन्होंने कहा इससे विद्यार्थियों का भविष्य बनता है। इसलिए इन कार्यों में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। पवैया ने जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा केन्द्रीय मूल्यांकन पद्धति अपनाने की सराहना की। साथ ही भरोसा दिलाया कि विश्वविद्यालय की स्टाफ की पूर्ति और आधारभूत संरचनाओं के विस्तार में प्रदेश सरकार हर संभव सहयोग देगी।
जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने विश्वविद्यालय में स्व-अध्ययन केन्द्र एवं अन्य आधारभूत विकास कार्य मंजूर कराने के लिये उच्च शिक्षा मंत्री के प्रति आभार जताया। साथ ही कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय को देश और दुनिया के श्रेष्ठतम विश्वविद्यालयों की तर्ज पर सुविधाएं जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आनंद मिश्र ने स्वागत उदबोधन दिया। उन्होंने कहा उच्च शिक्षा मंत्री पवैया की पहल पर विश्वविद्यालय में विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। कर्मचारियों की समस्याओं का निदान करने के लिये विश्वविद्यालय के कर्मचारी संगठनों ने इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री का अभिनंदन किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. आर जे राव तथा विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी अरविंद भदौरिया व राकेश गुर्जर मंचासीन थे।

प्रदेश का पहला अत्याधुनिक स्व-अध्ययन केन्द्र जीवाजी विश्वविद्यालय में
उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय प्रदेश का इकलौता विश्वविद्यालय है, जहाँ देश और दुनिया की श्रेष्ठतम यूनिवर्सिटी की तर्ज पर अत्याधुनिक स्व-अध्ययन केन्द्र बनने जा रहा है। इस 6 मंजिला अध्ययन केन्द्र में विद्यार्थियों के पढ़ने के लिये लाइब्रेरी एवं वाईफाई सुविधायुक्त अध्ययन कक्ष, फूड कोर्ट, सामूहिक अध्ययन के लिये सभागार इत्यादि सुविधायें होंगीं। जिन विद्यार्थियों को घर पर पढ़ाई के लिये एकांत व सुविधाएं नहीं मिल पातीं, उनके लिये यह केन्द्र अत्यंत उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिये विषय विशेषज्ञों की सुविधा भी इस केन्द्र में मुहैया कराई जायेगी।

बीएड के लिए अब प्रवेश परीक्षा नहीं
उच्च शिक्षा मंत्री पवैया ने इस मौके पर जानकारी दी कि विद्यार्थियों को अब बीएड की पढ़ाई के लिये प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। सरकार ने विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखकर शिक्षा महाविद्यालयों में बगैर प्रवेश परीक्षा के दाखिला देने का निर्णय लिया है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया 15 जून से शुरू होगी।

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